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US Students Visa Issue: अमेरिका में पढ़ाई कर रहे तीन भारतीय और दो चीनी छात्रों ने अमेरिकी सरकार (Donald Trump Government) पर मुकदमा दर्ज कराया है. उनका आरोप है कि सरकार ने बिना किसी चेतावनी के उनका स्टूडेंट वीज़ा (F-1) रद्द कर दिया, जिससे उनकी पढ़ाई और भविष्य दोनों खतरे में पड़ गए हैं. यह मुकदमा अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन (ACLU) ने न्यू हैम्पशायर की अदालत में दायर किया है. छात्रों का कहना है कि वीजा रद्द (Indian Students Visa Cancelled) होने की वजह से वे अब अमेरिका में न तो कानूनी रूप से रह सकते हैं और न ही अपनी पढ़ाई पूरी कर सकते हैं.

छात्रों ने क्या कहा?

भारतीय छात्र लिंकिथ बाबू गोर्रेला की मास्टर डिग्री मई 20 को पूरी होने वाली थी, लेकिन वीजा रद्द होने से अब उन्हें न तो डिग्री मिल सकती है और न ही वे OPT (Optional Practical Training) प्रोग्राम में हिस्सा ले सकते हैं. थानुज कुमार गुम्माडावेली और मणिकंता पसुला, दोनों भारतीय छात्रों की पढ़ाई का सिर्फ एक सेमेस्टर बचा है लेकिन वीजा न होने की वजह से उनकी पढ़ाई भी अधूरी रह सकती है.

चीनी छात्रों की भी चली गई नौकरी

चीनी छात्र हेंगरुई झांग की रिसर्च असिस्टेंट की नौकरी भी वीजा रद्द होने के कारण चली गई, जो उनकी कमाई का एकमात्र जरिया थी. वहीं, हाओयांग एन को अपनी मास्टर डिग्री अधूरी छोड़नी पड़ सकती है, जबकि उन्होंने अब तक लगभग ₹2.5 करोड़ (3.3 लाख डॉलर) अपनी पढ़ाई पर खर्च कर दिए हैं.

छात्रों की अब क्या है मांग?

छात्रों का कहना है कि उन्होंने हमेशा नियमों का पालन किया. वे नियमित रूप से पढ़ाई कर रहे थे, किसी अवैध काम में शामिल नहीं थे और न ही किसी अपराध में लिप्त थे. इसके बावजूद, सरकार ने बिना नोटिस दिए उनका वीजा रद्द कर दिया. अब ये छात्र चाहते हैं कि अदालत इस फैसले को पलटे, ताकि वे अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें और अपने भविष्य को सुरक्षित रख सकें.

विदेश मंत्रालय ने कही ये बात

विदेश मंत्रालय ने गुरुवार (15 अप्रैल) को कहा था कि अमेरिका में स्थित भारतीय मिशन वीजा रद्द किए जाने से संबंधित मुद्दों का सामना कर रहे भारतीय छात्रों के साथ लगातार संपर्क में हैं और उन्हें यथासंभव सहायता प्रदान कर रहा है.

अमेरिका में सबसे ज्यादा भारतीय छात्रों का वीजा रद्द: रिपोर्ट

अमेरिकन इमिग्रेशन लॉयर्स एसोसिएशन (AILA) की एक रिपोर्ट में सामने आया है कि अमेरिका में जिन छात्रों के वीजा रद्द किए गए, उनमें 50% भारतीय छात्र थे. इस रिपोर्ट के मुताबिक, भारत उन देशों में सबसे ज़्यादा प्रभावित रहा है. इसके बाद चीन का नंबर आता है जहां 14% छात्रों के वीजा रद्द किए गए.

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि जिन छात्रों के वीजा रद्द किए गए, उनमें से आधे से ज्यादा OPT (Optional Practical Training) पर थे. इसका मतलब है कि ये छात्र अपनी पढ़ाई पूरी कर चुके थे और अमेरिका में नौकरी कर रहे थे. अब इन छात्रों के सामने न सिर्फ नौकरी खोने का खतरा है, बल्कि उन्हें अमेरिका छोड़ने का डर भी सताने लगा है.

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