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Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल, 2025 को हुए आतंकी हमले का वो खौफनाक मंजर पीड़ित लोग धीरे-धीरे अब बयां कर रहे हैं. ऐसा ही एक परिवार कर्नाटक का हेगड़े परिवार पहलगाम घूमने गया था और बच्चे की जिद की वजह से इन लोगों की जान बच गई. परिवार के एक सदस्य का कहना है कि गोली उनके बालों को छूकर निकल गई.

प्रदीप हेगड़े, उनकी पत्नी शुभा और उनका 12 साल बेटा सिद्धांत बैसरन घाटी को देखने के लिए कश्मीर गए थे. एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, 22 अप्रैल के दुर्भाग्यपूर्ण दिन शुभा हेगड़े बाल-बाल बच गईं, जब आतंकवादियों ने घाटी में आतंकियों ने हमला किया और 26 लोगों की जान चली गई.

बच्चे की जिद ने बचाई हेगड़े परिवार की जान

हेगड़े परिवार ने बताया कि उस दिन वो एक घंटे की घुड़सवारी करके कठिन और कीचड़ भरे रास्ते से होते हुए बैसरन घाटी पहुंचे, जहां उन्होंने कुछ समय टूरिस्ट स्पॉट्स की सैर की और एडवेंचर एक्टिविटी करने के लिए जाने वाले थे, तभी भूख लगने पर सिद्धांत ने जिद कि वे पहले खाना खाएंगे फिर एडवेंचर एक्टिविटी करेंगे.

प्रदीप हेगड़े ने कहा, “करीब 1:45 बजे हमने वहां जाने के बारे में सोचा लेकिन मेरे बेटे ने कहा कि उसे भूख लगी है. हमने उसे मनाने की कोशिश की कि हम जाने से पहले कुछ खा सकते हैं लेकिन वह अड़ा रहा. इसलिए हम खाने के स्टॉल की ओर चल पड़े. हमने मैगी का ऑर्डर दिया. इसके बाद मेरी पत्नी करीब 500 मीटर दूर वॉशरूम चली गई. यह एक पे-एंड-यूज टॉयलेट था, इसलिए वह वापस आई, पैसे लिए और फिर चली गई. उस समय तक हम खाना खा चुके थे और उसने जल्दी-जल्दी खाना खाया.”

‘बंदूकों के साथ देखा आतंकियों को’

उन्होंने आगे बताया, “लगभग 15-20 सेकंड बाद, हमने दो लोगों को बड़ी बंदूकों के साथ देखा. वे लगातार गोलियां चला रहे थे.” उन्होंने कहा कि एक आतंकवादी घाटी के निचले हिस्से की ओर चला गया, जबकि दूसरा उनकी ओर बढ़ रहा था. प्रदीप ने बताया, “शुरू में हमें समझ में नहीं आया कि क्या हो रहा है. फिर हम लेट गए. इस समय मेरी पत्नी ने मेरा बैग उठाने के बारे में सोचा, जो टेबल पर रखा था. उसमें हमारे पहचान पत्र और फोन थे. वह बैग लेने के लिए उठी और उसने महसूस किया कि उसके दाहिने कान के पास से कुछ गुजरा है. यह गोली थी.”

शुभा ने याद करते हुए कहा, “किसी चीज ने मेरे बालों को छुआ था. पहले तो मुझे एहसास ही नहीं हुआ कि यह गोली है, लेकिन फोर्स लगने से मैं घूम गई, मैंने देखा कि गोली जमीन पर लगी थी. भगवान ने मुझे बचा लिया.”

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