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नेशनल हेराल्ड केस: गांधी परिवार पर ED की नजर, अदालत ने अगली सुनवाई 21-22 मई तक टाली

admin

Rahul and Sonia Gandhi in National Herald Case : नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में गांधी परिवार की मुश्किलें थमती नहीं दिख रहीं. दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में हुई सुनवाई में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लेने की प्रक्रिया को टालते हुए अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख दो सप्ताह के बाद 21 और 22 मई तय की है.

स्पेशल जज विशाल गोगने ने कहा, “सभी आरोपियों को नोटिस भेजे जा चुके हैं, लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और गांधी परिवार के करीबी सैम पित्रोदा को नोटिस सिर्फ आज ही एक वैकल्पिक ईमेल पर भेजा गया है. ऐसे में न्यायिक प्रक्रिया की निष्पक्षता को ध्यान में रखते हुए अदालत ने सुनवाई को स्थगित करने का फैसला लिया.”

स्वामी बोले- दस्तावेज दो, मैं कोर्ट में सब खोलूंगा

भाजपा नेता और शिकायतकर्ता डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी भी इस दौरान अदालत में मौजूद रहे. उन्होंने अदालत से आग्रह किया कि ED की ओर से दायर चार्जशीट और उससे जुड़ी फाइलों की कॉपी उन्हें दी जाए. उन्होंने कहा कि वे जल्द ही विधिवत आवेदन करेंगे और पूरा सच अदालत में सामने लाएंगे.

2,000 करोड़ की संपत्ति पर कथित साजिश

ED के मुताबिक यह मामला Associated Journals Limited (AJL) की करीब 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति की कथित धोखाधड़ी से हुई हेराफेरी से जुड़ा है. आरोप है कि गांधी परिवार और उनके करीबी साथियों ने ‘यंग इंडियन’ नामक एक निजी कंपनी के माध्यम से AJL पर कब्जा किया और इसकी संपत्तियों का इस्तेमाल व्यावसायिक लाभ के लिए किया गया. ED ने इस मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा, सुमन दुबे, दिवंगत नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस के साथ-साथ यंग इंडियन और डोटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड को आरोपी बनाया है.

गांधी परिवार यंग इंडियनमें सबसे बड़े हिस्सेदार

चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि यंग इंडियन में सोनिया गांधी और राहुल गांधी प्रत्येक के पास 38% की हिस्सेदारी है. इन्हीं शेयरों के जरिए कंपनी ने AJL की संपत्तियों का नियंत्रण हासिल किया.

क्या 21 मई को अदालत लेगी संज्ञान ?

कोर्ट के फैसले के बाद अब सबकी नजर 21 और 22 मई को होने वाली अगली सुनवाई पर टिकी है. अगर अदालत चार्जशीट पर संज्ञान लेती है, तो गांधी परिवार और कांग्रेस के लिए यह बड़ा झटका हो सकता है. कांग्रेस की ओर से इस मामले को ‘राजनीतिक बदले की कार्रवाई’ बताया जाता रहा है, लेकिन ED का कहना है कि उसके पास सबूतों की मजबूत श्रृंखला है.

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